Asthma Attack,अस्थमा अटैक ,Asthma: Symptoms, Treatment, and Prevention
● अस्थमा के रोगियों के लिए फायदेमंद उपाय-:
● अस्थमा क्या है ?
अस्थमा (दमा ) यह एक साँस से सम्बंधित बीमारी है, जिसमे श्वसननलिका पर सूजन की वजह से या ज्यादा म्यूकस स्राव होने की वजह से श्वसन मार्ग सिकुड़ (narrow) या छोटा हो जाता है जिससे साँस लेने में बाधा आती है|अस्थमा में साँस फूलना ज्यादा भागदौड़ या किसी परिस्थिति में अचानक अस्थमा अटैक जैसी परेशानियो का सामना करना पड़ सकता है|अस्थमा में एक आनुवंशिक और साथ ही एक पर्यावरणीय घटक होता है।
■ (Asthma) अस्थमा क्यों होता है ?
● अस्थमा क्यों होता है या इसमें (lungs) फेफड़ो सम्बंधित कठिनाइयों का परिणाम होता है | हमारी श्वसननलिका से गुजरते हुए साँस फेफड़ो में जाता है |
● साँस मतलब हवा हम अंदर लेते है हवा के साथ हम ऑक्सीजन कुछ मात्रा में अंदर लेते है ,जो हमारे रक्त का शुद्धिकरण फेफड़ो में करता है | जिसे सेलुलर रेस्पिरेशन (cellular respiration)भी कहते है , और इसी के साथ हम ऑक्सीजन देकर कार्बन डाइऑक्साइड बाहर छोड़ते है |
●अस्थमा अटैक तब आता है जब यह श्वसन मार्ग में बाधा आती है और ऑक्सीजन की कमी की वजह से हमे घुटन होने लगती है | हमरा दम घुटने लगता है स्फोकेशन(suffocation) को महसूस करते है | इससे कभी कभी मरीज की मृत्यु भी हो सकती है |
● लक्षण-:
अस्थमा अटैक आने से कुछ समय पहले ऐसे लक्षण देखें जा सकते है जिससे हम उपाय के कदम तुरंत बढ़ा सके|
■ साँस लेने में परेशानी जिसकी वजह से साँस फूलना
■ छाती में दर्द होना या छाती में दबाव महसुस होना
■ बार बार खांसी का आना
■ अस्थमा अटैक आ गया अब क्या ?
●यदी किसी मरीज को अस्थमा का अटैक आता है तो सबसे पहले ज्यादा उत्तेजित नहीं होना है, या घबराहट को नियंत्रित रखने की कोशिश करनी है| इससे परिस्थिति को और गम्भीर बना सकते है, तो सबसे पहले हमे शांत होने का प्रयास करना है |
●जब हमे ऐसी बीमारी का पता है तो ऐसी आपत्काल परिस्थिति के लिए हम हमेशा कोई अच्छा इनहेलर साथ रखे| इनहेलर की मदद से सांस को नियंत्रण में लाये|
●भागदौड़ स्ट्रेस अतिविचार झगडे ग़ुस्सा ऐसी बातो से दूर रहे|
●पिक फ्लो मीटर की मदद से अटैक की स्थिति का जांच करे|
●यदि ज्यादा तकलीफ महसूस हो रही हो तोह नजदीकी डॉक्टर या फॅमिली डॉक्टर से सलाह ले या तुरंत अस्पताल में चेकअप करवाए |
![]() |
Pics by social media |
■ सावधानियाँ(precautions)-:
● क्या क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए ?
● प्रदुषण से बचे
● प्रदूषित वातावरण में जाने से बचे या सावधानी बरते
● धूम्रपान न करे
● अपनी दवाइयों को सही समय पर ले
● उच्च आर्द्रता या ठंड का मौसम होना
● ठंडी चीज़े (पदार्थ) खाने से बचे (ठन्डे पदार्थ खाने से म्यूकस स्राव बढ़ने आशंका रहती है जिससे श्वसनमार्ग में सांस की तकलिफ़ हो सकती है )
● अपने स्वाभाव को शांत रखे यदि आपका काम स्ट्रेस और भागदौड से भरपूर हो तो मैडिटेशन या विपशना की साधना करे विपशना आपके सांस पर नियत्रण(oxygen therapy) रखणे में मददगार साबित होगी |
Post a Comment